Raksha Bandhan Happy Raksha Bandhan Rakhi
raksha Bandhan त्यौहार हिंदू धर्म और जैन धर्म का सबसे प्रमुख व महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है यह त्यौहार भाई-बहन के स्नेह पवित्र प्रेम के प्रति को का त्यौहार है
यह एक सामाजिक धार्मिक और ऐतिहासिक भावना के धागों से बनाई ऐसा पावन पर्व का बंधन है
जिसे raksha Bandhan के नाम से ना केवल भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल और मॉरिशस में भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है
इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी यानी ( रक्षा सूत्र ) बंधती है और साथ ही अपने भाई की लंबी उम्र (आयु ) की कामना करती है
अतः भाई अपनी बहन को उसकी जीवन भर रक्षा करने का वचन देता है raksha Bandhan का त्यौहार भारतीय त्योहारों में से एक प्राचीन पर्व है
He'lloo" भाइयों और बहनों एक प्यारी सी दो लाइन की पंक्ति आपके लिए लिख रहा हूं
यह पढ़कर आपको बहुत अच्छा लगेगा।
यह पढ़कर आपको बहुत अच्छा लगेगा।
[ तोड़े से भी ना टूटे,, ऐसा यह मन बंधन है इस बंधन को कहती सारी दुनिया,, यह तो रक्षाबंधन है ]
Raksha Bandhan Happy Raksha Bandhan Rakhi
रक्षाबंधन राखी का शाब्दिक वास्तविक अर्थ भी यही होता है कि किसी को अपनी रक्षा के लिए बांध लेना है
यानी रक्षा करने वाला ऐसा बंधन मतलब जो कि रक्षा सूत्र होता है
यानी रक्षा करने वाला ऐसा बंधन मतलब जो कि रक्षा सूत्र होता है
रक्षाबंधन यानी रक्षा का ऐसा अटूट बंधन एक रक्षा सूत्र जो भाई को सभी मुसीबतों संकटों से दूर रखता है
इस वर्ष दिनांक 3 अगस्त 2020 को मनाया जाएगा जैसा की. प्रत्येक वर्ष की तरह
raksha Bandhan के इस पावन पर्व को इस वर्ष भी श्रवण माह की पूर्णिमा को मनाया जाएगा।
raksha Bandhan के इस पावन पर्व को इस वर्ष भी श्रवण माह की पूर्णिमा को मनाया जाएगा।
इस पर्व की तैयारी 1 month पहले से शुरू हो जाती है। सभी बहन अपने
भाई के कलाई में राखी बांधती हैं।भाई अपनी बहन को उपहार देता है।
भाई के कलाई में राखी बांधती हैं।भाई अपनी बहन को उपहार देता है।
इस पर्व का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है वहीं एक तरफ बाजारों में
raksha Bandhan के दिन अद्भुत रौनक देखने को मिलती है।
raksha Bandhan के दिन अद्भुत रौनक देखने को मिलती है।
इस पर्व में रक्षा सूत्र यानी राखी का जितना महत्व होता है
उतना ही अधिक महत्व आरती की थाल का होता है। अतः थाल में विशेष सामग्री रखी जाती है।
उतना ही अधिक महत्व आरती की थाल का होता है। अतः थाल में विशेष सामग्री रखी जाती है।
आरती की थाल में विशेष जरूरी सामग्री रखना अति आवश्यक होता है
raksha Bandhan कैसे मनाए जिसके बारे में हम आपको विस्तार पूर्वक आगे बताएंगे।
raksha Bandhan कैसे मनाए जिसके बारे में हम आपको विस्तार पूर्वक आगे बताएंगे।
थाल में उपस्थित महत्वपूर्ण (Important।) Rakhi सामग्री
1.) आरती उतारने के लिए आरती की थाल।.2.) नारियल।
3.) भाई के सर में रखने के लिए रुमाल।.
4.) हल्दी, चावल और कुमकुम का तिलक।
.5.) भाई को खिलाने के लिए मिठाई।.
6.) थाल में रखने के लिए दीपक।.
7.) raksha Bandhan के दिन भाई के हाथों में पहनाने के लिए राखी।.
इन सभी सामग्रियों को बहन अपने हाथों से अच्छे से सजाती है और घरों में इन दिन चहल-पहल बना रहता है
इस त्यौहार में बहन अपने घर को जाती है और भाई भी अपने घर को जाता है।
यह त्यौहार भाई-बहन की जीवन की कामनाओं को प्रेरणा के लिए बनाया जाता है।
यह त्यौहार भाई-बहन की जीवन की कामनाओं को प्रेरणा के लिए बनाया जाता है।
अतः बहन अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत भी रखती है।
Raksha Bandhan Happy Raksha Bandhan Rakhi [विशेष शुभ मुहूर्त महत्वपूर्ण Important पर्व।]
इस दिन प्रात काल से 6:30 A.M लेकर रात की का 8:30 P.M. तक शुभ मुहूर्त बन रहा है।
इसके बीच बहन अपने भाइयों को राखी बांध सकती है। प्रात काल सभी हिंदू भाई - बहन इस त्यौहार को लेकर बहुत उत्सुक और
[ खुश ] होते हैं और सुबह - सुबह से ही सारी तैयारियां में जुट जाते हैं।
उसी दिन प्रातः काल सुबह जल्दी उठकर नए-नए कपड़ों को पहनकर सारी विशेष तैयारियों को पूरा करने में लग जाते हैं।
भाई अपनी बहन को सदा साथ निभाने और उसकी रक्षा के लिए मनोकामना करता है वचन देता है
यह परंपरा ( पर्व हमारे देश )में बहुत महत्व
यह परंपरा ( पर्व हमारे देश )में बहुत महत्व
और प्रचलित है और यह श्रवण पूर्णिमा का बहुत बड़ा त्यौहार पर्व माना जाता है
Raksha Bandhan Happy Raksha Bandhan Rakhi के बारे में All Important जानकारी
हर वर्ष श्रावण माह की पूर्णिमा को इस त्यौहार को मनाया जाता है।इस दिन बहन -
भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती है।
भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती है।
यह त्यौहार भाई-बहन के प्रेम के प्रति को का त्यौहार माना जाता है।
.इस दिन बहन अपने ससुराल से मायके को आती है य फिर भाई अपने बहन को लेने जाता है।
बहन इस दिन प्रात काल जल्दी उठकर सारे काम को कर के नए-नए कपड़े पहन कर
अपने घरों में गाना लगाकर इस त्यौहार को और भी सुंदर और खुशहाल बनाती है
अपने घरों में गाना लगाकर इस त्यौहार को और भी सुंदर और खुशहाल बनाती है
थाल को सारी सामग्री के साथ सजा कर रखती है और भाई भी नए नए कपड़े पहन कर और
साथ ही अपनी बहन को रक्षाबंधन के दिन उपहार देता है
साथ ही अपनी बहन को रक्षाबंधन के दिन उपहार देता है
इस तरह फिर बहन भाई को बैठाकर सजाई हुई आरती की थाल को लाती है भाई के सर पर रुमाल रखती है
हल्दी चावल और कुमकुम के तिलक को भाई के मस्तक पर सुंदर सा तिलक लगाती है
हल्दी चावल और कुमकुम के तिलक को भाई के मस्तक पर सुंदर सा तिलक लगाती है
भाई के हाथ में राखी बांधती है मिठाई को खिलाती है आरती की थाल में दीपक को जलाती है
फिर भाई को आरती उतारती है रूमाल से भाई के मुंह को पूछती है
फिर भाई को आरती उतारती है रूमाल से भाई के मुंह को पूछती है
भाई अपने बहन के पैर पड़ता है और अपनी बहन को लाए हुए उपहार gift देकर संबोधित और खुश करता है
भाई बहन और घर के सभी सदस्य मिलकर enjoy करते हैं मस्ती करते हैं photo खींचते हैं खुश रहते हैं
और साथ ही दूसरे दिन का इंतजार रहता है और खुशी भी रहती है
और साथ ही दूसरे दिन का इंतजार रहता है और खुशी भी रहती है
raksha Bandhan के दूसरे दिन कजंलिया होता है और उसी दिन शाम को मेला भी लगता है
जिसमें घर के सभी सदस्य जाते हैं enjoy करते हैं मस्ती करते हैं
जिसमें घर के सभी सदस्य जाते हैं enjoy करते हैं मस्ती करते हैं
कजंलिया के दिन सभी छोटे या बड़े लोग कजंलिया को अपने से बड़ों को लगाते हैं
और पैसे भी मिलते हैं सब छोटे बड़े लोग खुश रहते हैं
और पैसे भी मिलते हैं सब छोटे बड़े लोग खुश रहते हैं
सभी घर के लोग खासकर कि छोटे-छोटे बच्चे पैसे को collect कर देख देख खुश होते हैं
और दूसरे दिन party करते हैं सारे लोग मिलकर बहुत enjoy और मस्ती करते हैं
और दूसरे दिन party करते हैं सारे लोग मिलकर बहुत enjoy और मस्ती करते हैं
Conclusion (उपसंहार)
जैसा कि हम सभी को पता है कि raksha Bandhan यानी राखी का यह त्योहार को हम ।
संपूर्ण भारतवर्ष में सदियों से मनाते चले आ रहे हैं लेकिन आज के युग में बेटियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है
संपूर्ण भारतवर्ष में सदियों से मनाते चले आ रहे हैं लेकिन आज के युग में बेटियों को गर्भ में ही मार दिया जाता है
यह बहुत बड़ा पाप होता है जो बेटियों को अपने गर्भ में ही मरवा देता हो क्योंकि बेटियां ही लक्ष्मी का रूप होती है
जिन घर में वह जन्म लेती है वह घर बहुत खुशियों से भरा रहता है बेटियां का जन्म होना मतलब लक्ष्मी का वास होना होता है
जिस घर में बेटियां जन्म लेती है उसके घर में पैसे की कमी नहीं होती है उनके माता-पिता भलाई कुछ काम ना करते हो।
फिर भी उन्हें किसी चीज की परेशानी नहीं होती है
एक बेटियां ही होती है जो हर किसी का दर्द को समझती है उनके दर्द को सुख में बदलती है
बेटियों से ही जीवन की याचना की जा सकती है
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